शायरी(०३-०३-२०१४)

Monday, March 3, 2014

सो जाइये पलकों में लेकर सपने ढेर सारे,
आपको करें सलाम ये चाँद और तारे,
खुद से दुआ करेंगे आज की रात कि,
पूरे हों आपकी आँखों के ख्वाब सारे...

रात आती है सितारे लेकर,
नींद आती है सपने लेकर,
हमारी दुआ है की अगली सुबह आये,
आपके लिए बहुत सारी खुशियाँ लेकर...

उसकी चाहत ने मुझे रुलाया बहुत,
उसकी यादों ने मुझे तड़पाया बहुत,
हम उस से बहुत प्यार करते हैं,
इस मजबूरी को उसने आजमाया बहुत...

ज़िन्दगी खूबसूरत है पर मुझे जीना नहीं आता,
हर चीज़ में नशा है पर मुझे पीना नहीं आता,
आप भले ही मेरे बिना जी सकते हो,
पर मुझे आपके बिना जीना नहीं आता...

कुछ लिखा था तेरी याद में,
मेरे आंसुओं ने मिटा दिया,
दोस्तों से छिपाई थी दिल की बात,
मेरे चेहरे ने सब कुछ बता दिया,
मेरी चाहतों का भी क्या सिला मिला,
मैंने जिसे टूट के चाहा,आज उसने मुझे भुला दिया...

प्यार करके उसे दिल से मिटाना मुश्किल था,
वो तूफ़ान पलकों पर रोक पाना मुश्किल था,
आसान लगा उसे पार करके मर जाना,
क्यूंकि उसे भूल के जी पाना मुश्किल था...

थक गए हम उनका इंतज़ार करते-करते,
रोये हज़ार बार खुद से तकरार करते-करते,
दो शब्द उनकी जुबां से निकल जाते कभी,
और टूट जाते हम एक तरफ़ा प्यार करते-करते...

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