महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी---35

Sunday, October 6, 2013

अब उनकी चाहत में ये नौबत गयी,
ठंडी हवा भी आज हमें जला गयी,
कहती है आप यहाँ तड़पते ही रह गए,
मैं तुम्हारे सनम को छू कर भी गयी...
 
सारे शिकवे जनाब तेरे हैं,
दिल पे सारे अज़ाब तेरे हैं,
तुम याद आओ तो नींद नहीं आती,
नींद आये तो सारे ख्वाब तेरे हैं...
 
परछाई आपकी हमारे दिल में है,
यादें आपकी हमारी आँखों में है,
कैसे भुलाएं हम आपको,
प्यार आपका हमारी साँसों में है...
 
प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है
नए परिंदों को उड़ने में वक्त तो लगता है।
ज़िस्म की बात नहीं थी उन के, दिल तक जाना था
लंबी दूरी तय करने में वक्त तो लगता है।
गांठ अगर लग जाए तो फिर रिश्ते हों या दूरी
लाख करे कोशिश खुलने में वक्त तो लगता है।
हमने इलाजे ज़ख्म दिल तो ढूंढ लिया लेकिन
गहरे ज़ख्मों को भरने में वक्त तो लगता है।
 
हटाए थे जो राह से दोस्तों की
वो पत्थर मेरे घर में आने लगे हैं।
 
आईने पर इल्ज़ाम लगाना फ़िज़ूल है
सच मान लीजिए, चेहरे पर धूल है।

महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी---34

रिश्तों का विश्वास टूट ना जाए,
दोस्ती का साथ छूट ना जाए,
ऐ खुद गलती करने से पहले मुझे रोक लेना,
कहीं मेरी गलती से मेरा दोस्त मुझसे रूठ ना जाए...

हमारी  आवाज़ उन्हें सुनाई नहीं देती,
अब तो दूर तक कोई उम्मीद दिखाई नहीं देती,
परवाह है उन्हें सब लोगों की,
बस हमारी ही तन्हाई उन्हें दिखाई नहीं देती...

ठोकर खाते हैं और मुस्कुराते हैं,
इस दिल को सब्र करना सिखाते हैं,
हम तो दर्द लेकर भी याद करते हैं,
और लोग दर्द देकर भी भूल जाते हैं..

ना मुस्कुराने को जी चाहता है,
ना आँसू बहाने को जी चाहता है,
लिखूं तो क्या लिखूं तेरी याद में,
बस तेरे पास लौट आने को जी चाहता है...

तुम गए तो हर ख़ुशी चली गयी,
तुम्हारे बिना चिरागों से रौशनी चली गयी,
क्या कहूं क्या गुज़री है इस दिल पर,
हम जिंदा रह गए बस,पर हमारी ज़िन्दगी चली गयी...

तेरे हाथ की काश मैं वो लकीर बन जाऊं,
काश मैं तेरा मुक़द्दर,तेरी तकदीर बन जाऊं,
मैं तुझे इतना चाहूँ कि तू भूल जाए हर रिश्ता,
मैं तेरे हर रिश्ते कि तस्वीर बन जाऊं,
तू आँखें बंद करे तो आऊं मैं ही नज़र,
इस तरह मैं तेरे ख्वाब कि ताबीर बन जाऊं...

आज फिर स्कूल जाने को दिल करता है

आज फिर स्कूल जाने को दिल करता है,
सुबह-सुबह जल्दी उठ कर नहाने को दिल करता है,
स्कूल ड्रेस पहन कर टाई लगाने को दिल करता है,
एक दूसरे को धक्का दे कर आगे बढ़ने को दिल करता है,
आज फिर क्लास में खाली पीरियड में चाक मारने को दिल करता है,
लंच टाइम में एक दुसरे का टिफ़िन खाने को दिल करता है,
आज फिर क्लास में मैडम के सवाल पूछने पर चुपचाप खड़े हो जाने को दिल करता है,
होम-वर्क ना करने और फिर ढेर सारे बहाने बनाने को दिल करता है
हिस्ट्री के पीरियड में सो जाने को दिल करता है,
किसी को देख कर मुस्कुराने को दिल करता है,
सार दिन मस्ती करने को दिल करता है,
आज फिर उन दोस्तों के साथ बातें करने और लड़ने-झगड़ने का दिल करता है,
सब कुछ भूल-भालकर मस्त होने को दिल करता है,
आज फिर स्कूल जाने को दिल करता है...

महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी---33

रंगों में घुली लड़की क्या लाल-गुलाबी है,
जो देखता है कहता है क्या माल गुलाबी है,
पिछले बरस तूने जो भिगोया था होली में,
अब तक निशानी का वो रुमाल गुलाबी है...
 
धुप तेज़ है,पास साया भी नहीं,
दर्द ऐसा है की रोना आया भी नहीं,
तेरे सिवा किसी को मैंने अपना माना भी नहीं,
क्यूंकि किसी को आप जैसा रब ने बनाया ही नहीं...
 
मैं मर जाऊं तो मेरा जिस्म जल देना,
लेकिन उसमें से मेरा दिल निकाल लेना,
मुझे परवाह नहीं मेरे जल जाने की,
मुहे परवाह अहि उस दिल में रहने वाले की....
 
जज़्बात--इश्क नाकाम ना होने देंगे,
दिल की दुनिया में शाम ना होने देंगे,
इश्क का हर इलज़ाम अपने सर लेंगे,
पर महबूब को कभी बदनाम ना होने देंगे...
 
डरते हैं आग से कहीं जल ना जाएँ,
डरते हैं ख्वाब कहीं टूट ना जाएँ,
लेकिन सबसे ज्यादा डरते हैं इस बात से,
कि कहीं आप हमसे रूठ ना जाएँ..
 
तन्हाई है प्यार में,
बर्बादी है प्यार में,
बेबसी है प्यार में,.
ग़म है प्यार में,
हार भी है प्यार में,
हमें सब पता है,
पर क्या करें,
हम भी हैं प्यार में...

महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी---32

यादों के इस भंवर में एक पल मेरा भी हो,
फूलों के इस चमन में एक गुल मेरा भी हो,
खुदा करे की जब आप याद करें अपनों को,
तो उनमे एक नाम मेरा भी हो...
 
मिली ज़िन्दगी ही ऐसी की ज़िन्दगी भी रो पड़ी,
तेरी तलाश में ज़ालिम सज़ा भी रो पड़ी,
तुझे टूट कर चाहा और इतना चाहा,
कि तेरी वफ़ा कि खातिर,वफ़ा भी रो पड़ी,
मेरा नसीब,मेरा मुक़द्दर बने तू,
ये माँगते-माँगते दुआ भी रो पड़ी...
 
माँ कहती है मत करो चोरी,
भगवान् सज़ा देता है,
क्या आपको भी सज़ा मिलेगी हमारा दिल चोरी करने कि...
 
आप तो चाँद जैसे हो,
जिसे सब याद किया करते हैं,
हमारी किस्मत तो सितारों जैसी है,
लोग अपनी ख्वाहिश के लिए भी हमारे टूट जाने का इंतज़ार करते हैं...
 
आपके दीदार को निकल आये हैं तारे,
आपकी खुशबू से छा गयी हैं बहारें,
आपके साथ दिखते हैं कुछ ऐसे नज़ारे,
कि छुप-छुप कर चाँद भी बस आपको निहारे...
 
मेरी दीवानगी कि कोई हद नहीं,
तेरी सूरत के सिवा कुछ याद नहीं,
मैं हूँ फूल तेरे गुलशन का,
तेरे सिवा मुझ पे किसी का हक नहीं...
 
आपकी हँसी बहुत प्यारी लगती है,
आपकी हर ख़ुशी हमें हमारी लगती है,
कहीं दूर ना करना खुद से हमें,
आपकी दोस्ती हमें जान से भी प्यारी लगती है...
 
जब से देखा है तेरी आँखों में झाँक कर,
कोई भी आइना हमें अच्छा नहीं लगता,
तेरी मोहब्बत में ऐसे हुए हैं दीवाने,
तुम्हे कोई और देखे तो अच्छा नहीं लगता...
 
याद रखने के लिए कोई चीज़ चाहिए,
आप नहीं तो आपकी तस्वीर चाहिए,
पर आपकी तस्वीर हमारा दिल बहला ना सकेगी,
क्यूंकि वो आपकी तरह मुस्कुरा ना सकेगी...

महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी---31

Thursday, October 3, 2013

तूफ़ान में किनारे मिल जाते हैं,
ज़िन्दगी में सहारे मिल जाते हैं,
कोई चीज़ ज़िन्दगी से प्यारी नहीं होती,
पर कुछ लोग ज़िन्दगी से भी प्यारे मिल जाते हैं...


प्यार के उजाले में ग़म आता क्यूँ हैं,
जिसको हम चाहते हैं,वो ही हमें रुलाता क्यूँ है,
अगर वो मेरा नसीब बन कर आय है,
तो वो मेरी दुनिया को हमारी दुनिया बनता क्यूँ नहीं है...

काफी वक़्त लगा मुझे आप तक आने में,
काफी फ़रियाद की मालिक से आपको पाने में,
कभी दिल तोड़कर नहीं जाना ए हुज़ूर,
मैंने अपनी उम्र लगा दी आप जैसा दोस्त पाने में...

कभी किसी का साथ मत छोड़ना,
ये सोचकर की उसके पास कुछ नहीं है तुम्हे देने के लिए,
बस ये सोचकर उसका साथ निभाना,
की उसके पास कुछ नहीं है तुम्हारे सिवा खोने के लिए...

काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो यूँ इस दिल को रुसवा ना किया होता,
उनकी ये बेरुखी और ज़ुल्म भी मंज़ूर था हमें,
बस एक बार हमें समझ लिया होता..

बहुत उदास है कोई तेरे जाने से,
हो सके तो लौट के आजा किसी बहाने से,
तू लाख खफा ही सही,मगर एक बार तो देख,
कोई टूट गया तेरे जाने से...

बहुत कुछ होता है दिल की गहराई में,
तड़प जाता है दिल रात की तन्हाई में,
यूँ तो कहने को दोस्त बहुत हैं,
पर फर्क बहुत होता है साया और परछाई में...

किताबों में लिखा है फूल तोड़ना मना है,
बागों में लिखा है फूल तोड़ना मना है,
लेकिन फूलों से कीमती है दिल,
तो कोई क्यूँ नहीं कहता की दिल तोड़ना मना है..

टूट जाए न भरम,होठों को हिलाऊं कैसे,
हाल जैसा भी है मेरा,लोगों को सुनाऊं कैसे,
वो अगर रुलाता है मुझे तो रुलाये जी भर के,
मेरी आँखों में है वो,मैं उसको रुलाऊं कैसे...

ज़िन्दगी से हमने कभी कुछ चाहा ही नहीं,
चाहा जिसे उसे कभी पाया ही नहीं,
जिसे पाया उसे कुछ यूँ खो दिया,
जैसे ज़िन्दगी में कभी कोई आया ही नहीं..

हम आपकी नफरत को भी प्यार समझ लेंगे,
क्यूंकि नफरत वो ही करते हैं जो प्यार करते हैं,
मानते हैं की हम ना चाहते हुए भी आपको दर्द दे जाते हैं,
पर बुरे होकर भी हम आपसे बहुत प्यार करते हैं...

यूँ तो सदमों में भी हँस लेते हैं हम,
आज क्यूँ बेवजह रोने लगे हम,
बरसों से हथेलियाँ खाली ही रहीं मेरी,
फिर आज क्यूँ सब-कुछ खोने लगे हम..

मैं किसी को क्या इलज़ाम दूं अपनी मौत का दोस्तों,
यहाँ तो सताने वाले भी अपने थे और दफनाने वाले भी....

सूखे पत्ते की तरह बिखरे हुए थे हम,
किसी ने समेटा भी तो जलाने के लिए...

आज तेरी गलियों से गुजरी है मैय्यत मेरी,
देख मरने के बाद भी हमने रास्ता नहीं बदला...

हालात ने तोड़ दिया मुझे कच्चे धागे की तरह,
वरना मेरे वादे भी कभी ज़ंजीर हुआ करते थे...

महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी---30

उठाते हैं जब ये हाथ दुआ को,
रब से तेरे लिए ही फ़रियाद करते हैं,
तुम हमें भुला भी दो तो क्या,
हम तो तुम्हे हर पल याद किया करते हैं...

नाराज़ होना आपसे हमारी गलती कहलाएगी,
अगर आप हमसे नाराज़ हुए तो ये सांसें थम जायेंगी,
हँसते रहना हमेशा आप,
आपकी हँसी से हमारी ज़िन्दगी सँवर जायेगी...

बाटी करके रुला न दीजियेगा,
यूँ चुप रहकर सज़ा न दीजियेगा,
ना दे सके ख़ुशी गर, तो ग़म ही सही,
पर दोस्त बनकर यूँ भुला न दीजियेगा...

चाँद की जुदाई में आसमां भी तड़प गया,
उसकी एक झलक पाने को हर सितारा तरस गया,
बादल के दर्द का क्या कहूँ,
चाँद की याद में वो हँसते-हँसते बरस गया...

दिल-ए-नादान तेरी धड़कने की वजह क्या है.!
किसे ढूंढता तेरी ज़ुस्तज़ु की वजह क्या है.!!
बिन पिए ही क्यूँ मदहोश-सा दिखता है.
बता ना तेरी बहकने की वजह क्या है.!!
 ना दिन को क़रार ना रात आँखों में नींद.!
क्यूँ हुआ ये तेरी तड़पने की वजह क्या है.!!
सुना है इश्क़ में लोग खुदसे बेगाने होते.!
तेरी जहाँ से बेगाना होने की वजह क्या है.!!
 तुझे खबर है यहाँ मुहब्बत शौक़ बन चुकी.!
फिर तेरी इश्क़ में उलझने की वजह क्या है.!!

तेरे सांसो की मह्क मेरे गजलों में उतरने लगी है जबसे
लोंग पूछने लगे हैं मुझसे कि गुलशन में रहने लगे हो कबसे

देख मत मूझे इस तरह के मैं अपने बस में न रहूं
आंखे मत फ़ेर लेना इस तरह के में कहीं का न रहूं

Quotes(03-10-2013)

"If we could sell our experiences for what they cost us, we'd all be millionaires."

-- Abigail Van Buren

"Satisfaction lies in the effort, not in the attainment. Full effort is full victory."

-- Mahatma Gandhi

"Use what talents you possess: the woods would be very silent if no birds sang there except those that sang best."

-- Henry Van Dyke

"Think you can, think you can't; either way, you'll be right."

-- Henry Ford

"Leadership is getting players to believe in you. If you tell a teammate you're ready to play as tough as you're able to, you'd better go out there and do it. Players will see right through a phony. And they can tell when you're not giving it all you've got."

-- Larry Bird

"Difficulties increase the nearer we get to the goal."

-- Johann Wolfgang von Goethe

"You can't get a pay raise when you're angry. People will react to the negative energy and will resist you."

-- Stuart Wilde

"Dreams are today's answers to tomorrow's questions. "

-- Edgar Cayce

"Your greatness is measured by your horizons."

-- Michelangelo

"Persistence is to the character of man as carbon is to steel."

-- Napoleon Hill 

"The miracle is this - the more we share, the more we have."

-- Leonard Nimoy

"Above all be of single aim; have a legitimate and useful purpose, and devote yourself unreservedly to it. "

-- James Allen

"If your actions inspire others to dream more, learn more, do more and become more, you are a leader."

-- John Quincy Adams

"He who angers you conquers you."

-- Elizabeth Kenny 

"If you just set out to be liked, you would be prepared to compromise on anything at anytime, and you would achieve nothing."

-- Margaret Thatcher

"I think luck is the sense to recognize an opportunity and the ability to take advantage of it. The man who can smile at his breaks and grab his chances gets on."

-- Samuel Goldwyn

"To be nobody but yourself in a world which is doing its best night and day to make you like everybody else means to fight the hardest battle any human being can fight and never stop fighting."

-- E.E. Cummings

"You must not lose faith in humanity. Humanity is an ocean; if a few drops of the ocean are dirty, the ocean does not become dirty."

-- Mahatma Gandhi

"Age wrinkles the body; quitting wrinkles the soul."

-- Douglas MacArthur

"If anything terrifies me, I must try to conquer it."

-- Francis Chichester