हम कुछ ऐसे तेरे दीदार में खो जाते हैं
जैसे बच्चे भरे बाज़ार में खो जाते हैं
नये कमरों में अब चीजें पुरानी कौन रखता है
परिंदों के लिए शहरों में पानी कौन रखता है
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई
मैं घर में सबसे छोटा था मेरी हिस्से में माँ आई
रो रहे थे सब तो मैं भी फूट कर रोने लगा
वरना मुझको बेटियों की रुख़सती अच्छी लगी
एक फकीर ने कुछ इस तरह ज़िन्दगी की मिसाल दी
मुट्ठी में धूल लेकर हवा में उछाल दी !!
देखकर सोचा तो पाया फासला ही फासला
और सोचकर देखा तुम मेरे बहुत करीब थे
तेरे दामन ने सारे शहर को सैलाब से रोका
नहीं तो मेरे से आंसू समुन्दर हो जाये होते
वो जब भी मिलता है अंदाज़ ऐ जुदा होता है
चाँद सौ बार भी निकले तो नया होता है
सूरज , सितारे , चाँद मेरे साथ में रहे
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे
और शाखों जो टूट जाये वो पत्ते नही है हम
आंधी से कोई कहे दी की औकात में रहे
कौन सी बात, कब ,कैसे कही जाती है
ये सलीका हो तो हर बात सुनी जाती है
मोहब्बत में अब वो पहले वाली बात कहा,
शहर में बस अब, जिस्म बिका करते है.
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुँजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त हो जायें तो शर्मिन्दा न हों ।
किसकी आवाज़ की रिमझिम से ये भीगा है बदन..
"हम तुम्हारे हैं " ये धीरे से कहा हो जैसे
मेरी बेकरारी देखी है ,कभी सब्र भी देख,
मैं इतना खामोश हो जाउंगा तू चिल्ला उठेगा.....
मेरे होठों को दे देना ज़माने भर की तिश्नगी, मगर उसके लबों को इक नदी की कैफियत देना
मैं उसकी आँख के हर खवाब में कुछ रंग भर पाऊँ, मेरे अल्लाह मुझको सिर्फ इतनी हैसियत देना॥
लिखता हूँ तो तुम ही उतरते हो क़लम से..
पढ़ता हूँ तो लहजा भी तुम आवाज़ भी तुम..!
तुझे ख्वाब ही में देखूं ये भरम भी आज टूटा
तेरे ख्वाब कैसे देखूं मुझे नींद ही ना आई...
हर बार तोडा दिल तूने इस क़दर संग-दिल
गर जोड़ता टुकड़े तो ताजमहल बनता
हाँथ मेरा देख कर ये मशवरा उसने दिया..
कुछ लकीरों को मिटाना अब ज़रूरी हो गया ||
Quotes(14-08-2014)
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“When you blame others, you give up your power to change.” — Dr. Robert
Anthony “It isn’t where you came from; it’s where you’re going that
counts.” — Ella...
10 years ago
1 comments:
Akarshan dubey
9807993663
Bahot achha aalekh ..
Dhanywad
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