खुदा से मांगते तो मुद्दत गुज़र गयी,
क्यूँ न मैं आज उसको उसी से मांग लूं....
उसको खुदा से इतनी बार माँगा है,
की अब तो हम सिर्फ हाथ उठाते हैं,
तो सवाल फ़रिश्ते खुद ही लिख लेते हैं....
वो रूठते रहे,हम मनाते रहे,
उनकी राहों में पलकें बिछाते रहे,
उन्होंने कभी पलट कर भी न देखा,
हम आँख झपकाने से भी कतराते रहे...
यादों की धुंध में आपकी परछाई सी लगती है,
कानों में गूंजती शेहनाई सी लगती है,
आप करीब हो तो अपनापन है,
वरना सीने में सांसें भी परायी सी लगती हैं..
ना तुझको ख़बर हुई ना ज़माना समझ सका..
हम तुझ पर चुपके चुपके कई बार मर गये !!
अल्फाज़ तो बहुत हैं मेरी मोहब्बत बयां करने के...
वो मेरी ख़ामोशी नहीं समझा, अल्फाज़ क्या समझेगा !!
कारवां-ए-ज़िन्दगी हसरतों के सिवा कुछ भी नहीं..
ये किया नहीं, वो हुआ नहीं, ये मिला नहीं, वो रहा नहीं !!
कल रात चाँद हु-ब-हु तुझ जैसा था..
वही हुस्न, वही ग़ुरूर और वहीं दूर !!
Quotes(14-08-2014)
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“When you blame others, you give up your power to change.” — Dr. Robert
Anthony “It isn’t where you came from; it’s where you’re going that
counts.” — Ella...
10 years ago
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