दो बातें.....पहली बारिश और पहला प्यार,किसी भी इंसान को एक सुखद अनुभूति देती ही है. आखिर ऐसी क्या कशिश है इन दोनों में जो हमारे मन में एक अलग उत्साह का संचार हो जाता है इन्हें देखकर,हम जीवन का आनंद एक नए अंदाज़ में उठाने लगते हैं इनके हमारी ज़िन्दगी में दाखिल होते ही.कुछ न कुछ बात तो ज़रूर है.शायद जानी-पहचानी सी या शायद कोई अनकही अबूझ पहेली सी.
साल की पहली बारिश कुछ इसीलिए ख़ास होती है क्यूंकि ये न केवल गर्मी और उमस भरे माहौल से निजात दिलाती है बल्कि एक नया उत्साह भी संचारित करती है सूखे,धूल,उमस से जूझते आम इंसानों,किसानो,जानवरों,यहाँ तक की पेड़-पौधों में भी.यह एक प्राकृतिक सन्देश की तरह होती है,एक नए सृजन का सन्देश,तकलीफ भरी धुप पर शीतलता की हवा की विजय का सन्देश,बेचैन जनमानस को नया चैन और आराम का पथ दिखाने वाली शीतल बूंदों के त्याग का सन्देश जो बरसती रहती हैं निरंतर बिना भेद-भाव के,अपने मूल रूप में,बिना अपने परिणाम की परवाह किये की क्या वे किसी की प्यास बुझा पाएंगी या सड़क पर कीचड बनकर ही सिमट कर रह जायेंगी.
ठीक कुछ इसी तरह ही पहला प्यार भी मनुष्य का संपूर्ण जीवन ही बदल देता है.अकेले ही ज़िन्दगी के तूफानों से लड़ते,सभी परेशानी उठाते मनुष्य को सहारा देता है पहला प्यार,जिसके आने से मानो ज़िन्दगी के मायने ही बदल जाते है.जब हम किसी को अपने साथ खड़ा पाते हैं,कोई ऐसा हमें नज़र आता है जिसे हमारी चिंता है,जिसे हम पर पूर्ण विश्वास है तो अपने अप्प ही हमारे अन्दर एक ऐसी आलौकिक ऊर्जा का संचार होता है की हम हर कठिनाई का डट कर मुकाबला कर उससे पार पाने को तैयार हो जाते हैं.
यह कैसी अजीब सी जादुई शक्ति है पहले प्यार और पहली बरसात की बूंदों में जो हमें न केवल लड़ने की प्रेरणा देती हैं अपितु विजयपथ पर हमारा पथ-प्रदर्शक बन हमें अकेलेपन से भी मुक्त कराती हैं.
और अगर किसी को अपना पहला प्यार,पहली बारिश में मिला हो तो इस प्राकृतिक और मानवीय ताक़त का समागम अविस्मर्णीय होता है.बहुत किस्मत वाले होते हैं वोह लोग जो एक साथ,एक ही पल में पहले प्यार और पहली बारिश दोनों का सुख भोग पाते हैं,पर कुछ बदनसीब ऐसे भी होते हैं जिन्हें शायद दोनों ही नसीब नहीं होते और कुछ बदनसीब(या आधे बदनसीब) ऐसे भी होते हैं जिन्हें पहली बारिश की शीतलता तो भिगो देती है पर पहले प्यार की नाकामयाबी की आग ह्रदय को जला देती है.पर ऐसी स्तिथि पर विजय प्राप्त करने वाला ही सच्चे अर्थों में जीवन का आनंद उठा पाता है क्यूंकि ज़िन्दगी तो चलते रहने का नाम है ना की नाकाम पहले प्यार की याद में रोकर पहली बारिश का मज़ा भी किरकिरा करने में.लेकिन यह बात कहना जितनी आसान लग रही है,हकीकत में उतनी ही तकलीफदायक होता है पहले प्यार को भूल पाना.शायद इस बात को वो लोग जानते हैं जिन्होंने अपना पहला प्यार खोया होता है,जैसे की........
लेखक:-मोहित कुमार जैन
१८-०५-२००७
0 comments:
Post a Comment