उनको ये शिकायत है,
कि हम उनसे मिले नहीं,
कोई पूछे उनसे,रोज़ ख़्वाबों में कौन दस्तक देने आता है,
उनको ये शिकायत है,
कि हम याद नहीं करते उन्हें,
कोई पूछे उनसे,रोज़ हिचकियाँ कौन लाता है,
उनको ये शिकायत है,
कि हमने दूरियां बढ़ा दी,
कोई पूछे उनसे,पल-पल उनकी यादों के सहारे कौन बिताता है,
उनको ये शिकायत है,
कि अब प्यार नहीं रहा हमें उनसे,
कोई पूछे उनसे,कि ग़ज़लों में ताजमहल कौन बनाता है,
उनकी हर शिकायत पर हमको
बस एक ही शिकायत है..
कि अब ऐतबार नहीं रहा उन्हें हम पे,
मगर दोस्तों इस शिकायत का,
अभी तक जवाब आना बाकी है.........
कवि:-मोहित कुमार जैन
०३-०६-२०११
कि हम उनसे मिले नहीं,
कोई पूछे उनसे,रोज़ ख़्वाबों में कौन दस्तक देने आता है,
उनको ये शिकायत है,
कि हम याद नहीं करते उन्हें,
कोई पूछे उनसे,रोज़ हिचकियाँ कौन लाता है,
उनको ये शिकायत है,
कि हमने दूरियां बढ़ा दी,
कोई पूछे उनसे,पल-पल उनकी यादों के सहारे कौन बिताता है,
उनको ये शिकायत है,
कि अब प्यार नहीं रहा हमें उनसे,
कोई पूछे उनसे,कि ग़ज़लों में ताजमहल कौन बनाता है,
उनकी हर शिकायत पर हमको
बस एक ही शिकायत है..
कि अब ऐतबार नहीं रहा उन्हें हम पे,
मगर दोस्तों इस शिकायत का,
अभी तक जवाब आना बाकी है.........
कवि:-मोहित कुमार जैन
०३-०६-२०११
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