जब मेरी याद आये तो

Sunday, June 19, 2011

मुझे बस इतना कहना है कभी मैं याद आऊं तो
कभी तन्हाई की रातें , तुम्हें ज्यादा सतायें तो
कभी तित्तली ना बोले तो , और जुगनू लौट जायें तो
कभी जब दिल भी भर जाये , कोई ना सुन ना पाये तो
कभी जब दोस्त साथी जो तुम से रूठ जायें तो
कभी जब खुद से लड़ कर थकन से चूर हो जाओ तो
कभी चाहते हुए भी खुद अकेले रो ना पाओ तो
फिर मेरे तसव्वुर से जो चाहे बातें कह देना
मेरे कांधे पे सर रख कर तुम जितना चाहे रो लेना
जब मैं खुद लौट जाऊं , तो अपनी दुनिया चले जाना
मगर बस इतना कहना है
कि जब भी दुःख या खुशियों में
हमें दिल से पुकारोगे
हमें तुम साथ पाओगे...

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