
आते हैं जो आँख से आँसू,
उन्हें लगता यह अश्क नहीं पानी हैं,
मगर हम तो वो हैं जो कह देते,
इन आँसुओं के बहाने अपनी कहानी हैं..
इन्ही आँसुओं ने हर जगह,
एक मुकाम अपना बनाया है,
कोई समझे तो काम करते हैं यह,
कोई ना समझे तो बस ज़ाया हैं..
कोई आँसू से लिख देता मोहब्बत की इबारत है,
कोई आँसू से कर देता उस खुदा की ज़ियारत है,
कोई आँसू से दिल में मुक़ाम कर लेता है,
कोई आँसू से मोहब्बत का पैग़ाम भेज देता है,
कोई आँसू की कीमत जान,यह ज़मीं और आसमाँ क्या,
खुद की क़ायनात हिला सकता है,
मगर जो ना समझे कीमत इन आँसुओं की,
उस मेरे मेहबूब के लिए तो ये मोहब्बत एक गिला है,
और मैं कह रहा हूँ खुदा से,
की किस बेवफा से दिल लगा बैठा अनजाने में,
जिस से प्यार की उम्मीद करना भी एक सज़ा है.....
कवि:-मोहित कुमार जैन
०५-०६-२०११
3 comments:
lovely !!!
beautifully crafted and well expresses.
bhut umda,....
nice
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