सांता क्लॉस के नाम एक पत्र..............

Thursday, June 9, 2011





आदरणीय सांता क्लॉस,

आज तक आप को बच्चों के कई पत्र मिले होंगे परन्तु शायद मुझ जैसे एक व्यस्क का पत्र बहुत ही कम मिला होगा.मेरा यह पत्र आपके लिए इसीलिए है क्यूंकि मैं इस क्रिसमस पर आपसे कुछ विशेष गिफ्ट चाहता हूँ जिसकी विनती इस पत्र के माध्यम से करना चाहता हूँ.

यूँ तो आप इश्वर के दूत की तरह हैं जो सबको खुशियाँ बाँटता है एवं सभी की भावनाओं का ख़याल रखता है और इसीलिए आज आपसे मैं एक अनमोल तोहफे की माँग करने जा रहा हूँ.

प्यारे सांता,मैं आपसे कहना चाहता हूँ की इस क्रिसमस पर मुझे और समस्त मानव जाति को प्रभु की तरफ से एक ऐसा वरदान दो की सभी व्यक्ति सदा खुशहाली का अनुभव करें.हम तुच्छ प्राणी,जाति-धर्म-दौलत आदि जैसी बेतुकी बातों में उलझना भूलकर आपसी प्रेम एवं शान्ति के साथ जीवन व्यतीत करते हुए सदैव अपने देश,अपने परिवार और स्वयं की उन्नति के लिए कार्य करें.मन में कभी भी किसी भी प्रकार का राग-द्वेष किसी के लिए भी पैदा ना हो.

हर मानव सांता क्लॉस जैसा सच्चा,हँसमुख,सहृदय प्रतिबिम्ब अपने मन में विकसित करे और आस-पास मौजूद,नि:शक्त जनों की मदद कर स्वयं और उन लोगों की वास्तविक ख़ुशी का कारण बने.

झूठे आडम्बरों में ना उलझ कर हम सादगी पूर्ण जीवन जियें एवं प्रकृति का अनुचित दोहन रोकने में सदा तत्पर रहे.ना तो हम राजनीतिक चालों में कभी फँसें,और ना ही हमारे बीच कोई व्यर्थ के मतभेद और मनभेद खड़े कर हमारी कमियों का फायदा उठाने की कोशिश करे.

हम स्वयं की कमज़ोरियों को ताक़त में तब्दील कर सर्वप्रथम स्वयं को एक बेहतर इंसान बनाने की कोशिश करें और उसके बाद उस परम पिता परमेश्वर का धन्यवाद अदा करें जिसने हमें तस्वीर के रंगों सी रंग बिरंगी प्रकृति और अदभुत जीवन दिया.

ना कभी कोई किसी की अक्षमता पर हँसे, ना कोई किसी से बैर भाव रखे.ना मन में जलन की भावना हो और ना किसी को हम कभी नीचा दिखायें.

मैं जानता हूँ की मैंने जो माँगा है वो आपकी और प्रभु की देने की क्षमता से बहुत तुच्छ परन्तु फिर भी आज के ज़माने में कठिन है,परन्तु यदि आप कोशिश करके देखें तो शायद दुनिया का एक नया चेहरा उभर सके पुराने सारे नकाब उतार कर.

आशा है आप मेरे गिफ्ट के बारे में प्रभु से विस्तार पूर्वक चर्चा ज़रूर करेंगे.

आपके जवाब का प्रतीक्षार्थी,
एक तुच्छ मानव
२६-१२-२००७

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