पल भर में...

Thursday, June 16, 2011

पल भर में तमाम उम्र की सोचें बदल जाती हैं,
जिन राहों पे चलते हैं,वो राहें बदल जाती हैं,
करने को क्या नहीं करते लोग मोहब्बत में,
सिर्फ हमारे लिए ही क्यूँ रस्में बदल जाती हैं,
वो ऐसी है की उसका नाम सुन ने के तसव्वुर से ही,
हमारी तमाम हसरतें बदल जाती हैं,
सोचता हूँ जाने कैसे कह पाऊंगा मैं उनसे,
मिलता हूँ जब तो दिल की सारी बातें बदल जाती हैं,
चाहे मंजिल दुश्वार हो और दूर भी,
हमसफ़र उनके जैसा हो तो मुश्किलें बदल जाती हैं,
यूँ तो रात का आलम हसीं होता है,मदहोश भी,
मगर चाँद को देखकर मेरी रातें बदल जाती हैं,
मत चाहो की मुझे आदत नहीं इतने चाहने वालों की,
यह न हो की लोग कहें,की जल्द ही हमारी आदतें बदल जाती हैं....

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