महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी.....भाग ७

Wednesday, June 8, 2011

वक़्त की हो धूप या तेज़ हो आँधियाँ,
कुछ क़दमों के निशाँ कभी नहीं खोते,
जिन्हें याद करके मुस्कुरा दें ये आँखें,
वो लोग दूर होकर भी दूर नहीं होते..

तमन्ना करो जिन खुशियों को पाने की,
दुआ है की वो खुशियाँ आपके क़दमों में हो,
आपको वो सबकुछ हकीकत में मिले,
जो कुछ भी आपके सपनो में हो..

दर्द में कोई मौसम प्यारा नहीं होता,
दिल हो प्यासा तो पानी से गुज़ारा नहीं होता,
कोई देखे तो सही हमारी बेबसी को,
हम सभी के हो जाते हैं,पर कोई हमारा नहीं होता..

सबकी ज़िन्दगी में खुशियाँ देने वाले,
मेरे दोस्त की ज़िन्दगी में कोई ग़म ना हो,
उसको मुझसे भी अच्छा दोस्त मिले,
पर मिले तभी जब इस दुनिया में हम ना हों...

ओस की बूँदें फूलों को भीगा रही हैं,
सूरज की किरणे ताजगी जगा रही हैं,
हो जाओ आप भी इन में शामिल,
क्यूंकि एक प्यारी सी सुबह आपको जगा रही है...

कभी ज़िन्दगी के पन्नो को उलटकर देखिएगा,
आपको एक शख्स नज़र आएगा,
भूल जाओगे ज़माने के सारे ग़म,
जब हमारे साथ गुज़ारा वक़्त याद आएगा..

आज तेरी यादों को सीने से लगा के रोये,
अपने ख़्वाबों में तुझे पास बुलाकर रोये,
हज़ारों बार पुकारा तुझे तन्हाइयों में,
पर हर बार तुझे पास ना पाकर रोये..

सजती रहे खुशियों कि महफ़िल,
हर ख़ुशी सुहानी रहे,
आप ज़िन्दगी में इतने खुश रहे,
कि हर ख़ुशी भी आपकी दीवानी रहे...

कुछ मीठे पल याद आते हैं,
पलकों पर आँसू छोड़ जाते हिं,
कल कोई ओर मिले तो हमें ना भुलाना,
क्यूंकि दोस्ती के रिश्ते ज़िन्दगी भर काम आते हैं...

हर रास्ते का मुक़ाम नहीं होता,
दिल के रिश्ते का कोई नाम नहीं होता,
खोजा है आपको मन की रौशनी से,
आप जैसा दोस्त किसी के लिए आम नहीं होता...

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