शायरी (०९-०४-२०१२)

Monday, April 9, 2012

तेरी बेवफाई ने मेरा ये हाल कर दिया है;
मैं नहीं रोती, लोग मुझे देख कर रोते हैं!

अगर कोई पूछे जिंदगी में क्या खोया क्या पाया?
तो बिना झिझक कह देना जो कुछ खोया वो मेरी नादानी है;
और जो पाया वो मेरे रब की मेहरबानी है!

तकदीर बनाने वाले, तूने भी हद कर दी;
तकदीर में किसी और का नाम लिखा था;
और दिल में चाहत किसी और की भर दी!

खो जाओ मुझ में तो मालूम हो कि दर्द क्या है?
ये वो किस्सा है जो जुबान से बयाँ नही होता!

हमसे बदल गये वो निगाहें तो क्या हुआ
जिंदा हैं कितने लोग मोहब्बत किये बगैर!

मरता नहीं कोई किसी के बगैर ये हकीकत है ज़िन्दगी की
लेकिन सिर्फ सांसें लेने को 'जीना' तो नहीं कहते!

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