शायरी (२३-०४-२०१२)

Monday, April 23, 2012

तकदीरें बदल जाती है, जब ज़िन्दगी का कोई मकसद हो;
वरना ज़िन्दगी तो कट ही जाती है, तकदीर को इल्जाम देते देते!

पास आपके दुनिया का हर सितारा हो;
दूर आपसे गम का हर किनारा हो;
जब भी आपकी पलकें खुलें;
सामने वही हो जो आपको दुनिया में सबसे प्यारा हो!

कुछ अमल भी ज़रूरी है, इबादत के लिए;
सिर्फ सजदा करने से, किसी को जन्नत नहीं मिलती!

मुलाकातें रह जाती है सुहानी यादें बनकर;
बातें रह जाती है कहानी बनकर;
पर प्यार तो हमेशा दिल के करीब रहता है;
कभी होंठों पे मुस्कान तो कभी आँखों में पानी बनकर!

खफा न होना हमसे, अगर तेरा नाम जुबां पर आ जाये;
इंकार हुआ तो सह लेंगे और अगर दुनिया हंसी, तो कह देंगे;
कि मोहब्बत कोई चीज़ नहीं, जो खैरात में मिल जाये;
चमचमाता कोई जुगनू नहीं, जो हर रात में मिल जाये;

ज़िदगी जाने कितने मोड़ लेती है, हर मोड़ पर नए सवाल देती है;
तलाशते रहते हैं हम जवाब ज़िन्दगी भर;
और जब जवाब मिल जाये तो ज़िन्दगी सवाल बदल देती है!

जाने उस शक्स को कैसा ये हुनर आता है;
रात होती है तो आँख में उतर आता है;
मैं उसके ख्याल से निकलूं तो कहाँ जाऊं;
वो मेरी सोच के हर रास्ते पर नज़र आता है!

प्यार आ जाता है, आँखों में रोने से पहले;
हर ख्वाब टूट जाता है, सोने से पहले;
इश्क है गुनाह, यह तो समझ गए हम;
काश कोई रोक लेता, ये गुनाह होने से पहले!

हमने तेरे बाद न रखी किसी से मोहब्बत की आस;
एक शक्स ही बहुत था जो सब कुछ सिखा गया!

तकदीरें बदल जाती है, जब ज़िन्दगी का कोई मकसद हो;
वरना ज़िन्दगी तो कट ही जाती है, तकदीर को इल्जाम देते देते!

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