हमने
छोड़ा था
ज़माना जिसे
पाने के
लिए,
लो,उसी
ने
हमें छोड़
दिया ज़माने
के लिए...
ना
खुशियाँ साथ
हैं,ना
मोहब्बत पास
है,
मेरी
ज़िन्दगी के
हर पल
को तन्हाई
रास है,
गिला
भी करें
अगर तो
हम किस
से करें,
उसी
ने रुलाया
जो मेरे
लिए सबसे
ख़ास है...
बड़ी
ख्वाहिश थी
प्यार में
आशियाँ बनाने
की,
बना
लिया तो
नज़र लग
गयी उसे
ज़माने की,
मेरी
आँखों में
आज भी
आँसू हैं
तेरे लिए,
सज़ा
मिली है
मुझे तेरे
साथ मुस्कुराने
की..
तकलीफें
तो हज़ारों
हैं इस
ज़माने में,
बस
कोई अपना
नज़रअंदाज़ करे
तो बर्दाश्त
नहीं होता....
मुझे
आज भी
उसकी बेपनाह
मोहब्ब्त रोने
नहीं देती,
जो
कहता था
पागल मेरी
जान निकल
जायेगी,तेरे
आँसू गिरने
से पहले...
वक़्त
से लड़कर
जो अपना
नसीब बदल
दे,
इंसान
वो ही
है जो
अपनी तक़दीर
बदल दे,
कल
क्या होगा,कभी
ना
सोचो यारों,
क्या
पता कल
वक़्त खुद
अपनी तस्वीर
बदल ले...
ए
दोस्त तुम
पे लिखना
शुरू कहाँ
से करूँ,
अदा
से करूँ
या फिर
हया से
करूँ
तुम्हारी
दोस्ती इतनी
खूबसूरत है,
पता
नहीं तारीफ
जुबां से
करूँ या
दुआ से
करूँ...
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