भारत में 17 फीसदी की दर से बढ़ रहे मोटे लोग(12th Nov-2010)

Friday, January 21, 2011

नई दिल्‍ली. मोटापा और इससे होने वाली बीमारियां दुनिया के सबसे धनी मुल्‍क अमेरिका की अर्थव्‍यवस्‍था को हिला सकती हैं। यह खतरा भारत सहित कई विकासशील देशों पर भी मंडरा रहा है।

यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्‍चर के एक अनुमान के मुताबिक मोटापा और इससे जुड़ी बीमारियों जैसे दिल की बीमारियों, हाई ब्‍लड प्रेशर और डायबीटिज से देश को हर साल 160 अरब डॉलर का नुकसान होता है।

दूसरी ओर, ऑर्गनाईजेशन फॉर इकॉनोमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत, दक्षिण अफ्रीका, रूस, चीन और भारत में भी मोटापा और इससे जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं और यदि समय रहते इन पर काबू नहीं पाया गया तो इलाज के लिए भी पैसे नहीं बचेंगे।

भारत में मोटे लोगों की संख्या हर साल 17 फीसदी की दर से बढ़ रही है। मैक्सिको में मोटे व्यक्ति सबसे ज्यादा 70 फीसदी की दर से बढ़ रहे हैं। रूस में 50 फीसदी और चीन में बढ़ोतरी दर 30 फीसदी है। रिपोर्ट के अनुसार इन देशों को चर्बी पर नियंत्रण करने वाले स्वास्थ्यवर्धक पदार्थों को कम कीमतों पर बेचना चाहिए जिससे नागरिकों का मोटापे पर नियंत्रण रहे।

मोटापा दुनिया भर में बड़ी समस्‍या के रूप में उभर रही है। दुनिया की महाशक्ति को मोटापे से हो रही चिंता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल में मिसिसिपी यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर और जैक्‍सन चैम्‍बर ऑफ कॉमर्स ने पहली बार मोटापा पर एक वैश्विक शिखर सम्‍मेलन आयोजित किया। इस सम्‍मेलन में मोटापा से बढ़ रहे स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी खतरे और इससे निपटने के उपायों पर चर्चा हुई।

उधर, अमेरिका में वयस्‍कों में मोटापे की दर घटने की रिपोर्ट के बीच हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और एमआईटी का अनुमान कुछ और ही कहानी कहता है। इनके अनुमान के मुताबिक अगले 40 साल में अमेरिका में करीब 42 फीसदी लोग मोटापे का शिकार हो जाएंगे।

तेजी से उभरती दुनिया की दो आर्थिक महाशक्तियों - भारत और चीन - पर भी मोटापा का खतरा तेजी से मंडरा रहा है। एक अध्‍ययन के मुताबिक भारत में हर एक व्‍यक्ति को स्‍वस्‍थ जीवन जीने के लिए खुद पर साल भर में 270 डॉलर खर्च करने पड़ेंगे जबकि चीन में यह खर्च 380 डॉलर आएगा। ओईसीडी की रिपोर्ट के अनुसार यदि समस्या पर अभी काबू नहीं पाया गया तो भविष्य में इन देशों को अपने नागरिकों के स्वास्थ्य से जुड़ी बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। यदि बढ़ते मोटापे पर लगाम नहीं लगाई गई तो लोग इलाज के लिए पैसे भी खर्च करने की स्थिति में नहीं होंगे।

विशेषज्ञों की राय में आरामदेह जीवनशैली, जंक फूड का बढ़ता इस्‍तेमाल और शारीरिक सक्रियता में कमी जैसे कारणों से मोटापे की समस्‍या बढ़ रही है। जंक फूड से परहेज कर, खाद्य पदार्थों के विज्ञापन सीमित करने और खाने के सामान के पैकेट पर उसमें मौजूद तत्‍वों की स्‍पष्‍ट जानकारी देने से भी मोटापा कम करने में मदद मिल सकती है। भारत और चीन जैसे देशों में मोटापा से निपटने के लिए ये उपाय बेहद जरूरी हैं क्‍योंकि यहां लोगों के पैसे बढ़ रहे हैं और लोग खाने-पीने पर जमकर पैसे उड़ा रहे हैं।

Source:Dainik Bhaskar,Dated:12/11/10

0 comments: