मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का कहना है कि नौजवानों को अपने सपनों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए और उन्हें पूरा करने की भरपूर कोशिश करनी चाहिए.
सचिन मानते हैं कि सपने ही इंसान को आगे बढ़ने में मदद करते हैं और अगर हम पूरे जी-जान से अपने लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में काम करें तो शायद ही ऐसा हो कि हम उसे हासिल करने में कामयाब न हों.
सचिन कहते है, "अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हम सब मेहनत करते हैं. लेकिन कई बार हम थोड़े आलसी हो जाते हैं और लक्ष्य हासिल करने से पहले ही हार मान लेते हैं. हम ये नहीं समझ पाते कि अगर हमने थोड़ी और मेहनत की होती तो हम अपनी मंज़िल पा सकते थे. इसलिए सपने देखिए और साथ ही मेहनत भी कीजिए, आपके सपने ज़रुर पूरे होंगे."
सचिन पर अब तक कुछ किताबें लिखी जा चुकी हैं. उनसे पूछा गया कि यदि वे ख़ुद अपने बारे में किताब लिखें तो पहले पन्ने पर किसकी बात करेंगे. इस बारे में सचिन कहते हैं, "पहले पन्ने पर मेरे परिवार का ज़िक्र होगा. मैंने क्रिकेट अपने भाई की वजह से खेलना शुरु किया और मेरा सफ़र वहीं से शुरु हुआ. इसलिए शुरुआत मेरे माता-पिता, मेरे दोंनो भाइयों और बहन से होगा और अंत मेरे बच्चों पर होगा."
सचिन ने ये बातें बच्चों में कैंसर के इलाज़ के लिए काम कर रही एक स्वयंसेवी संस्था के कार्यक्रम के दौरान कहीं. वो इन दिनों इस संस्था से सक्रियता से जुड़े हुए हैं. इतना ही नहीं, सचिन ने ट्विटर पर इसके बारे में लोगों को जानकारी देते हुए ऐसे बच्चों की मदद के लिए आगे आने की जब अपील की तो इसकी बहुत बढ़िया प्रतिक्रिया मिली और इस संस्था को काफ़ी आर्थिक सहायता प्राप्त हुई है.
इस मौके पर सचिन ने अपने क्रिकेटिंग करियर के बारे में भी कुछ बाते कीं. उन्होंने ये भी साफ़ कर दिया कि फ़िलहाल वो सिर्फ़ अपने क्रिकेट पर ही ध्यान देना चाहते हैं और उनका रिटायरमेंट का कोई इरादा नहीं है.
सचिन कहते हैं, "खेल से रिटायर होने के बाद मैं क्या करुंगा इस बारे में अभी से कुछ नहीं कह सकता. ऐसा जब होगा तब ही मैं इसके बारे में सोचूंगा लेकिन अभी तो मेरी ज़िंदगी में क्रिकेट के अलावा कुछ और नहीं है."
Source:Dainik Bhaskar,Dated 30/05/2010
सचिन मानते हैं कि सपने ही इंसान को आगे बढ़ने में मदद करते हैं और अगर हम पूरे जी-जान से अपने लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में काम करें तो शायद ही ऐसा हो कि हम उसे हासिल करने में कामयाब न हों.
सचिन कहते है, "अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हम सब मेहनत करते हैं. लेकिन कई बार हम थोड़े आलसी हो जाते हैं और लक्ष्य हासिल करने से पहले ही हार मान लेते हैं. हम ये नहीं समझ पाते कि अगर हमने थोड़ी और मेहनत की होती तो हम अपनी मंज़िल पा सकते थे. इसलिए सपने देखिए और साथ ही मेहनत भी कीजिए, आपके सपने ज़रुर पूरे होंगे."
सचिन पर अब तक कुछ किताबें लिखी जा चुकी हैं. उनसे पूछा गया कि यदि वे ख़ुद अपने बारे में किताब लिखें तो पहले पन्ने पर किसकी बात करेंगे. इस बारे में सचिन कहते हैं, "पहले पन्ने पर मेरे परिवार का ज़िक्र होगा. मैंने क्रिकेट अपने भाई की वजह से खेलना शुरु किया और मेरा सफ़र वहीं से शुरु हुआ. इसलिए शुरुआत मेरे माता-पिता, मेरे दोंनो भाइयों और बहन से होगा और अंत मेरे बच्चों पर होगा."
सचिन ने ये बातें बच्चों में कैंसर के इलाज़ के लिए काम कर रही एक स्वयंसेवी संस्था के कार्यक्रम के दौरान कहीं. वो इन दिनों इस संस्था से सक्रियता से जुड़े हुए हैं. इतना ही नहीं, सचिन ने ट्विटर पर इसके बारे में लोगों को जानकारी देते हुए ऐसे बच्चों की मदद के लिए आगे आने की जब अपील की तो इसकी बहुत बढ़िया प्रतिक्रिया मिली और इस संस्था को काफ़ी आर्थिक सहायता प्राप्त हुई है.
इस मौके पर सचिन ने अपने क्रिकेटिंग करियर के बारे में भी कुछ बाते कीं. उन्होंने ये भी साफ़ कर दिया कि फ़िलहाल वो सिर्फ़ अपने क्रिकेट पर ही ध्यान देना चाहते हैं और उनका रिटायरमेंट का कोई इरादा नहीं है.
सचिन कहते हैं, "खेल से रिटायर होने के बाद मैं क्या करुंगा इस बारे में अभी से कुछ नहीं कह सकता. ऐसा जब होगा तब ही मैं इसके बारे में सोचूंगा लेकिन अभी तो मेरी ज़िंदगी में क्रिकेट के अलावा कुछ और नहीं है."
Source:Dainik Bhaskar,Dated 30/05/2010
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