हिन्दू परंपरा के अनुसार बेटियों की शादी में उसके मायके वालों की ओर से अनेक उपहार विवाह के उपलक्ष्य में बेटी को दिए जाते हैं। माता-पिता का यही सपना होता है कि उनकी बेटी ससुराल में हमेशा खुश रहे। उसे कभी किसी तरह की कोई कमी महसूस न हो। नववधु को माता-पिता की ओर से आभुषण दिए जाने का एक मुख्य कारण यह है कि उनकी बिटिया को जिंदगी में कभी भी अभाव का सामना ना करना पड़े। साथ ही इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है।
पहले जब वधू को कमरधनी (तगड़ी) पहनाई जाती थी और गले में भारी हार पहनाए जाते थे और भारी-भारी पायल भी पहनाई जाती थी तो उसके पीछे तथ्य शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखना था। ये विशेष आभूषण भारी होने से एक्युप्रेशर के पाईन्ट को दबाए रखने का एक महत्वपूर्ण साधन हैं और पायल रिप्रोडेक्टिव ऑर्गन को भी ठीक रखती है। यही कारण है कि आभूषण केवल स्त्रियाँ ही नहीं पहनती थीं बल्कि पुरूष भी बड़े और भारी आभूषण धारण किया करते थे। आज भारी आभूषणों की जगह हल्के और सुंदर आभूषणों ने ले ली है और इन सबके पीछे काल और परिस्थिति का बदल जाना है।
Quotes(14-08-2014)
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“When you blame others, you give up your power to change.” — Dr. Robert
Anthony “It isn’t where you came from; it’s where you’re going that
counts.” — Ella...
10 years ago
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