अक्षय तृतीया के दिन नया काम करना शुरू करना शुभ क्यों माना जाता है?

Wednesday, May 25, 2011

अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। इस तिथि को आखातीज के नाम से भी पुकारा जाता है।पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है।इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है कि इस दिन शुरू किए जाने वाले काम का अक्षय फल मिलता है।

ऐसा माना जाता है कि आज के दिन जाने-अनजाने अपराधों की सच्चे मन से ईश्वर से क्षमा प्रार्थना करे तो भगवान उसके अपराधों को क्षमा कर देते हैं और उसे सदगुण प्रदान करते हैं, अतः आज के दिन अपने दुर्गुणों को भगवान के चरणों में सदा के लिये अर्पित कर उनसे सदगुणों का वरदान मांगना चाहिए।पौराणिक कहानियों के मुताबिक, इसी दिन महाभारत की लड़ाई खत्म हुई।

द्वापर युग का समापन भी इसी दिन हुआ। इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर के पूछने पर यह बताया था कि आज के दिन जो भी रचनात्मक या सांसारिक कार्य करोगे, उसका पुण्य मिलेगा। कोई भी नया काम, नया घर और नया कारोबार शुरू करने से उसमें बरकत और ख्याति मिलेगी। माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन स्नान, ध्यान, जप तप करना, हवन करना, स्वाध्याय पितृ तर्पण करना और दान पुण्य करने से पुण्य मिलता है। देवताओं की पूजा करने को भी उन्होंने पुण्य बताया है। इसीलिए इस दिन कोई भी नया काम शुरू करना बहुत शुभ माना जाता है।

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