चुप है....

Tuesday, November 1, 2011

तेरी आँखों में आकर बोलती है,
ग़ज़ल जो दिल के दीवानों में चुप है...
कहानी एक अंजानो में चुप है.
नदी आकर मैदानों में चुप है,
लबों पर सिर्फ दुनिया की कहानी,
तुम्हारी बात अफसानो में चुप है..
हैं नंगे हम सभी हम्माम में,
मगर ये बात परिधानों में चुप है,
ना पंछी उड़ सके पिंजरों से आगे,
कथा परवाज़ की दानों में चुप है....

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