महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी---19

Tuesday, August 27, 2013

तन्हाई तो है साथी अपनी ज़िन्दगी के हर एक पल की,
चलो यह शिकवा भी दूर हुआ की किसी ने साथ दिया...
 
खुदा एक एहसान इस मोहब्बत पर करना,
इन खूबसूरत परिंदों को कभी जुदा करना,
सजदे करूँगा हर रोज तेरे दर पर आके,
तू दास्ताँ मोह्हबत इनकी कभी खत्म करना..
 
जरा तुम निगाहें उठा कर तो देखो,
इन आँखों से आँखें मिला कर तो देखो,
लुटा देंगे सारे ज़माने की खुशियाँ,
हमें अपना ग़म बता कर तो देखो,
पाओगे तन्हा किसी महफ़िल में तुम,
गले से हमें लगा कर तो देखो,
तुम्ही पर लुटा देंगे जान अपना इमान,
कभी तो हमें आजमा कर तो देखो,
चले आएंगे इश्क की आग पर हम,
कभी दिल से हम को बुला कर तो देखो,
हो मालूम तुम को मोहब्बत है क्या,
जरा हम को अपना बना कर तो देखो...
 
हम भी चुप चाप जिया करते थे,
आखों में प्यास हुआ करती थी,
दिल में तूफ़ान उठा करते थे,
लोग आते थे गजल सुनने,
हम उसकी बात किया करते थे,
सच समझते थे उसके वादों को,
रात दिन घर में रहा करते थे,
किसी वीराने में उससे मिलकर,
फूल खिला करते थे,
घर दीवार सजाने कि खातिर,
हम नाम उनका लिखा करते थे,
कल उनको देखकर याद आया,
हम भी कभी मोहब्बत किया करते थे...
 
यह मोहब्बत है और मोहब्बत में इंतकाम नहीं होता,
होती है रुसवाई पर इलज़ाम नहीं होता,
यह समझ जायेंगे वो भी, जब जानेगे प्यार को,
प्यार तो बस प्यार होता है, किसी का एहसान नहीं होता...
 
एक अजब सी है कशिश, एक अजब सी प्यास है,
हर वक़्त मेरी निगाहों को उस चेहरे की तलाश है,
एक नज़र में जो मुझको यूँ दीवाना कर गए,
कुछ तो उनमें है अलग, कुछ तो उनमें ख़ास है...
 
तुमसे कितनी है मोहब्बत ये मैं बता नहीं सकता,
अपनी जिंदगी में तुम्हारी एहमियत जता नहीं सकता,
मेरी जिंदगी का हर एक लम्हा तुम्ही से शुरू होता है,
तुमसे दूर रहकर एक पल भी अकेला बिता नहीं सकता,
मुमकिन है मैं खुद को भूल जाऊं,
पर तुझे भुलाने की खता मैं कर नहीं सकता.....
 
पीने का शौक है पिलाने का शौक है,
हमें तो नज़रें मिलाने का शौक है,
हमारी नज़रें मिली भी तो उनसे मिली,
जिन्हें नज़रो से पिलाने का शौक है..
 
दिल के  सागर में लहरें उठाया करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया करो,
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख्वाबों में कर यूं तडपाया करो...
 
यूँ हकीकत से पर्दा उठा दीजिये,
है मोहब्बत तो सभी को बता दीजिये,
चाँद की ताब भी फीकी पड़ जाएगी,
जुल्फ चेहरे पे अपने गिरा लीजिये,
अब कोई जगह रास आती नहीं,
अपनी पलकों पे हमको बिठा लीजिये....

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