महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी---6

Monday, August 26, 2013

जाती नहीं आँखों से सूरत तेरी,
ना जाती है दिल से मोहब्बत तेरी,
तेरे जाने के बाद होता है महसूस यूँ,
हमें और भी ज्यादा ज़रुरत है तेरी...
 
तुम करोगे याद एक दिन इस प्यार के ज़माने को,
चले जायेंगे जब हम कभी वापस आने को,
करेगा महफ़िल में जब ज़िक्र हमारा कोई,
तो तुम भी तन्हाई ढूंढोगे आँसू बहाने को...
 
जुदाई के लम्हे बेकरार करते हैं,
मेरे हालात ही मुझे लाचार करते हैं,
कभी तो पढ़ लेती काश वो आँखें हमारी,
हम खुद कैसे कहें की हम उनसे प्यार करते हैं...
 
अपने दिल की आवाज़ सुन,अफवाहों से काम ना ले,
मुझे याद कर,बेशक मेरा नाम ना ले,
तेरा वेहम है की हम भूल गए हैं तुझको,
मेरी कोई साँस ऐसी नहीं जो तेरा नाम ना ले...

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