महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी---26

Tuesday, September 3, 2013

नफरत तुम कभी ना करना हमसे,
हम ये सह नहीं पायेंगे,
एक बार बस कह देना हमसे की ज़रुरत नहीं तुम्हारी,
हम आपकी दुनिया से हँस कर चले जायेंगे..

कल एक शख्स की मौत का अजब किस्सा सुना मैंने,
दोस्तों,कहते हैं की यादों के बोझ तले दब के मर गया,,,

हम जब भी गुज़रते हैं उस गली से तो घबराहट सी होती है...
आज भी उस गली में तेरे आने की आहट सी होती है...
इस गली से ना निकला करो,तुम्हारी महक रह जाती है,
तेरे आने की खबर,हवा की लहर हमसे कह जाती है...

मायूस होना एक गुनाह होता है,
मिलता वो ही है जो किस्मत में लिखा होता है,
हर चीज़ मिले हमें ये ज़रूरी नहीं,
कुछ चीज़ों के इंतज़ार में ही मज़ा होता है...

कमी है इस दुनिया में ऐसे लोगों की,
जो दूसरों की फ़िक्र किया करते हैं,
ये एहसान है आपका मुझ पर,
की आप मेरी दोस्ती की कद्र किया करते हैं...

होती नहीं मोहब्बत सूरत से,
मोहब्बत तो दिल से होती है,
क्यूंकि सूरत तो उन की खुद ही प्यारी लगने लगती है,
कद्र जिनकी दिल में होती है...

0 comments: