महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी---28

Sunday, September 8, 2013

ना वो सके,और ना हम कभी जा सके,
ना ही दर्द दिल का किसी को सुना सके,
बस बैठे हैं यादों में उनकी,
ना उन्होंने हमें याद किया,ना ही हम उन्हें भुला सके....

इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा,
रातें काटते हैं ले लेकर नाम तेरा,
मुद्दत से बैठे हुए हैं ये आस पाले,
शायद अब जाए कोई पैग़ाम तेरा...

आप मेरी ज़िन्दगी में खुशियों की बहार लेके आये हैं,
जिसके बिना झुलस रही थी मेरी रूह,वो फुहार लेके आये हैं,
नसीब होता हिया जो किसी-किसी खुशनसीब को,
मेरी ज़िन्दगी में वो महकता हुआ असीम प्यार लेके आये हैं...

आज ऐसी क्या दुआ दूं तुझको,
जो तेरे लबों पर हँसी के फूल खिला दे,
बस यही दुआ है मेरी कि,
सितारों से रोशन खुद तेरी तकदीर बना दे...

वादा है हमारी ये मोहब्बत कि दास्तान ख़ास रहेगी,
आपकी सूरत हमेशा दिल के पास रहेगी,
नहीं भूलेंगे हम आपको और आपके प्यार को,
जब तक दिल में धड़कन और ये साँस रहेगी...

मैं ख़्वाबों में तुमसे मिला करता हूँ,
हँसता हूँ,रोता हूँ,शिकवा-गिला करता हूँ,
पर कह ना पाता हूँ हकीकत तुम से,
सनम मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ...

ख्याल में आता है जब उसका चेहरा,
तो लबों पर अक्सर फ़रियाद आती है,
हम भूल जाते हिं उसके सारे सितम,
जब उसकी थोड़ी सी मोहब्बत याद आती है...

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