सच को लफ़्ज़ों की दरकार नही होती,
तुमने सर हिला दिया मुझे यकीं हो गया..
जब कभी भी दुआ के लिए उठे मेरे हाथ,
सबसे पहले जुबान पर तेरा ही नाम आया...
हम भूल नहीं सकते कभी वो लम्हें सुहानें
आहिस्ते से जब थामा था तुमने हाथ हमारा....
उसे मगरूर कहु या मासूम,
अच्छे तो वो मुझे आज भी लगते है....
वक़्त भी लेता है करवट ना-जाने कैसे-कैसे...
उम्र इतनी तो नहीं ,जितने के सबक़ लिए जिंदगी से....
मुझे सलीका ना सिखा,बगीचे की बागवानी का,
फूल हों या फिर काटें, इश्क बराबर करता हूँ मैं .........
एक तो तेरी यादों के साथ जीना मुहाल है,
और दूजी ये खबर भी के तू शहर में है....
गुलशन है अगर सफ़र जिंदगी का, तो इसकी मंजिल समशान क्यों है ?
जब जुदाई है प्यार का मतलब, तो फिर प्यार वाला हैरान क्यों है ?
अगर जीना ही है मरने के लिए, तो जिंदगी ये वरदान क्यों है ?
जो कभी न मिले उससे ही लग जाता है दिल,
आखिर ये दिल इतना नादान क्यों है ?
ना दिन अच्छा है, ना हाल अच्छा है,
किसी जोगी ने कहा था कि ये साल अच्छा है .…
मैंने पूछा लोग कब चाहेंगे, मुझे मेरी तरह,
बस मुस्कुरा के कह दिया सवाल अच्छा है ..
उसी पे बांध के बैठे हैं सारी उम्मीदे,
वो जिन्दगी जो किसी से वफ़ा नहीं करती...
खामोशियाँ कर दें बयाँ , तो अलग बात है,
पर कुछ दर्द ऐसे होते हैं , जो लफ़्ज़ों में उतारे नहीं जाते...
Quotes(14-08-2014)
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“When you blame others, you give up your power to change.” — Dr. Robert
Anthony “It isn’t where you came from; it’s where you’re going that
counts.” — Ella...
10 years ago
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