जल जायेंगी

Wednesday, September 11, 2013

मत चिरागों को हवा दो बस्तियाँ जल जायेंगी,
ये हवन वो है कि जिसमें उँगलियां जल जायेंगी !

मानता हूँ आग पानी में लगा सकते हैं आप,
पर मगरमच्छों के संग में मछलियाँ जल जायेंगी !

उसके बस्ते में रखी जब मैंने मज़हब की किताब,
वो ये बोला अब्बा मेरी कापियाँ जल जायेंगी !

आग बाबर की लगाओ या लगाओ राम की,
लग गई तो आयतें-चौपाइयाँ जल जायेंगी !!

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