तुम ही मेरी सब कुछ बनो...

Wednesday, January 27, 2010



मैं हूँ नदी,तुम तट बनो,
मैं हूँ डोर तुम पतंग बनो,
मैं हूँ तिनका तुम नीड़ बनो,
मैं बेरंग तुम रंग बनो,
तुम बिन मैं कुछ भी नहीं,
तुम ही मेरी सब कुछ बनो।

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