तुमसे मिलने से पहले,
जीवन में कोई रंग न था,
मन में कोई उमंग न थी,
और आँखों में कोई सपना न था,
पर तुमसे मिलने का बाद,
जीवन सतरंगी हो गया,
मन में उमंगो की लहर मचल उठी,
और आँखों को सपने हकीकत बनते नज़र आने लगे,
तुमसे मिलने से पहले,
जीवन में कोई दोस्त न था,
कहने को कोई अपना न था,
और आँखों में कोई सपना न था,
पर तुमसे मिलने के बाद,
दोस्ती की नयी इबारत लिखी गयी,
अपनेपन की नयी शुरुआत हुई,
और आँखों को सपने हकीकत बनते नज़र आने लगे,
आज जब तुम मिल गयी हो,
तो सोचता हूँ की न जाने कैसा जादू,
कैसी कशिश है तुम्हारे अन्दर,
की तुमसे मिलते ही,सारे मायने ही बदल गए,
यह खुदा की कैसी कुदरत है?
पर शायद ऐसा भी लगता है,
की वो बीते पल एक छोटी सी,
पगडंडी थे,जो ले जाते थे ख़्वाबों की उस राह पर,
जिसके अंत में "मंजिल" थी मेरी,
और जिसपर चलने के लिए साथ था तुम्हारा।
Quotes(14-08-2014)
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“When you blame others, you give up your power to change.” — Dr. Robert
Anthony “It isn’t where you came from; it’s where you’re going that
counts.” — Ella...
10 years ago
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