कोई बात बने

Wednesday, January 27, 2010



मेरे गम में मुस्कुराओ तो कोई बात बने,
इसी तरह मेरा साथ निभाओ तो कोई बात बने,
दुनिया दुश्मन है प्यार की,तोहमतें लगाएगी,
ज़माने की नज़र से नज़र मिलाओ तो कोई बात बने,
प्यार आसान है पर रस्म-ए-वफ़ा निभाना मुश्किल,
कदम हौसलों से उठाओ तो कोई बात बने,
प्यार के नाम पर यारों,कर दें जान फ़िदा दोनों,
मिटकर भी वफायें निभाओ तो कोई बात बने,
वक़्त अपना भी आएगा ए हमसफ़र मेरे,
सब्र से कुछ सदमे उठाओ तो कोई बात बने॥

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