बेवफाई...

Tuesday, February 16, 2010



अपना हाल दिल की दीवारों को सुनाया है,
इस तरह भी हमने खुद को बहलाया है,
जब भी याद आई है तन्हाई में तुम्हारी,
चुपके से तेरी तस्वीर को सीने से लगाया है,
कभी तोहमत ना लगे तुझ पर बेवफाई की,
इसीलिए तेरी बेवफाई को सबसे छुपाया है,
उस शहर में तेरे बाद अब मेरा दिल नहीं लगता,
इसीलिए आकर इस वीराने में नया घर बनाया है,
तेरी यादों के सहारे गुज़ार रहा हूँ ज़िन्दगी अपनी,
तेरी बातें ही तो अब ज़िन्दगी का सरमाया है,
मैंने शिकवा ना किया कभी,मगर तूने सताया बहुत है,
हँस-हँसकर तेरा हर ज़ुल्म-ओ-सितम हमने उठाया है॥

मोहित कुमार जैन

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