क्यूँ चुराते हैं दूल्हे के जूते ?

Friday, February 4, 2011

शादी... विवाह... में सिर्फ दूल्हा-दुल्हन ही नहीं बल्कि दोनों के परिवार का हर सदस्य उत्साह और उमंग के साथ खुशियां मनाता है। एक ओर जहां शादी के कई पारंपरिक रीति-रिवाज जुड़े हैं, वहीं आधुनिक शादियों में दूल्हे के जूते चुराने की भी एक परंपरा देखने में आती है। इस परंपरा का उद्देश्य होता है कि दोनों परिवारों के मध्य आपसी प्रेम बना रहे और समारोह में थोड़ी हंसी-मस्ती का माहौल बन जाए। इस परंपरा में दूल्हे के जूते दुल्हन की बहनें और सहेलियां चुरा लेती हैं।

जूते लौटाने पर बदले दूल्हे को उन्हें रुपए देने होते हैं। इस प्रथा एक खेल की तरह ही है। इसके लिए दुल्हन की बहनें और सहेलियां पूरी कोशिश करती हैं कि किसी भी तरह दूल्हे के जूते हाथ आ जाए और दूल्हे के भाई और दोस्त यह कोशिश करते हैं कि दूल्हे के जूते चोरी ना हो सके। यह दोनों ही परिवार की प्रतिष्ठा का मुद्दा भी होता है।

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