रौनकें

Saturday, February 5, 2011

मेरी दुनिया में हो जाएँ यह सारी रौनकें,
बस उनका ही नाम लेती हैं यह सारी रौनकें,
मेरे आँगन में जो जलाता है दिए प्यार के,
उसी के दम से मुस्कुराती हैं यह सारी रौनकें,
जिस के क़दमों कि धनक से ही गलियाँ हँस पड़ी,
उसकी खुशबू से महकती हैं यह सारी रौनकें,
बेशकीमती ज़िन्दगी का सरमाया है वोह,
जिस का हँस हँस कर ज़िक्र करती हैं यह सारी रौनकें,
वोह अनोखे रंग भरता है दिल-ए-एहसास में
उनके होने से सँवरती हैं यह रौनकें,
वोह ही सब कुछ है मेरा,वोह नहीं तो कुछ भी नहीं,
चुपके-चुपके मुझसे कहती हैं यह रौनकें..

0 comments: