हमारे जीवन में कई शब्द ऐसे गुजरते हैं जो होते तो सरल हैं लेकिन उनके अर्थ गहरे होते हैं। श्रीहनुमानचालीसा का प्रत्येक शब्द ऐसा ही है। हर शब्द में दर्शक, दिशा और व्यावहारिक जीवनशैली के संकेत हैं। तुलसीदास केवल कवि नहीं थे वे ऋषि होने के भाव को स्पर्श कर गए थे। जीवन जीने और कर्म करने की समझ देने वाले सृजनकर्ता थे।
हनुमानजी उनके पथ प्रदर्शक थे और हनुमानचालीसा लिखकर उन्होंने हमारा मार्गदर्शन कर दिया। इसीलिए हनुमानचालीसा जैसा छोटा-सा साहित्य करोड़ों लोगों का गाईड और गॉड फादर दोनों बन गया। समस्याओं और घटनाओं से निपटने की हनुमानजी की अपनी विशिष्ट शैली है। यदि कोई इसे समझकर जीवन में उतारे तो वह अपने यश और शौर्य में वृद्धि कर सकता है।
यह सवाल अनेक लोगों के मन में है कि हनुमानजी वानर हैं, मनुष्य हैं या अवतार? वे वन में रहने वाले नर हैं। उनका वानर रूप मनुष्यों का ही रूप था। मानव बनकर ही मानव को लीला का अर्थ सही तरीके से समझाया जा सकता है। दुनियाभर के धर्मों में जब भी कोई परम शक्ति या देवता मनुष्य बनकर आता है तो उसका उद्देश्य यही रहता है कि मनुष्य यह समझ सके परमात्मा के निकट पहुँचने का मानवीय मार्ग क्या है क्योंकि मनुष्य होना जितने गौरव की बात है उतनी ही तकलीफ का भी मामला है।
जानवर श्रेष्ठ होगा तो ज्यादा से ज्यादा अच्छा जानवर बन जाएगा पर यदि मनुष्य उत्तम बना तो देवत्व को भी प्राप्त कर सकता है और पतित हुआ तो पशु से भी अधिक गिर सकता है। अपनी ही सीमाओं के पार जाने की असीम संभावनाएं जिस मनुष्य में छिपी हैं उसके लिए हनुमानजी रोल मॉडल हैं।
Quotes(14-08-2014)
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“When you blame others, you give up your power to change.” — Dr. Robert
Anthony “It isn’t where you came from; it’s where you’re going that
counts.” — Ella...
10 years ago
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