क्यो लगाते है चन्दन तिलक?

Friday, February 4, 2011

पूजन में तिलक लगाने का बड़ा महत्व है। पूजन के अलावा रोजाना तिलक लगाना हमारे लिए लाभकारी है। आइए जानते हैं, कैसे?स्नान के बाद देवी-देवताओं की प्रतिमा को चंदन समर्पित किया जाता है। पूजन करने वाला भी अपने मस्तक पर चंदन का तिलक लगाता है। यह सुगंधित होता है तथा इसका गुण शीतलता देने वाला होता है। भगवान को चंदन अर्पण करने का भाव यह है कि हमारा जीवन आपकी कृपा से सुगंध से भर जाए तथा हमारा व्यवहार शीतल रहे यानी हम ठंडे दिमाग से काम करे। अक्सर उत्तेजना में काम बिगड़ता है। चंदन लगाने से उत्तेजना काबू में आती है। स्त्रियों को मस्तक पर कस्तूरी का तिलक या बिंदी लगाना चाहिए। गणेशजी, हनुमानजी, माताजी या अन्य मुर्तियों से सिंदूर निकालकर ललाट पर नही लगाना चाहिए। सिंदूर उष्ण होता है।चंदन का तिलक ललाट पर या छोटी सी बिंदी के रूप में दोनों भौहों के मध्य लगाया जाता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चंदन का तिलक लगाने से दिमाग में शांति, तरावट एवं शीतलता बनी रहती है। मस्तिष्क में सेराटोनिन व बीटाएंडोरफिन नामक रसायनों का संतुलन होता है। मेघाशक्ति बढ़ती है तथा मानसिक थकावट विकार नहीं होता।

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