जागरण का वैज्ञानिक महत्व

Thursday, February 17, 2011

जितनी भी रात्रियां जागरण के लिए श्रेष्ठ मानी गई उनमें, नवरात्रि को छोड़कर सभी पूर्णिमा, अमावस्या एवं एकादशी तिथि को पड़ती है। यह बड़े महत्वपूर्ण दिन होते हैं। इनमें चंद्रमा और सूर्य एक विशेष कोण पर उपस्थित होते हैं। जो व्यक्ति के मन और बुद्धि पर प्रभाव डालते हैं। सोते समय बुद्धि सुप्त होती है। अर्थात् ग्रहों का प्रभाव इन पर आसानी से होता है। परंतु जागते रहने से सचेत बुद्धि दिमाग होता है। अत: सूर्य, चंद्र का प्रभाव इस पर नहीं पड़ता। इन दिनों में उपवास भी करना चाहिए।

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