जैन समाज में नियमों का बड़ा महत्व है। पूरी दिनचर्या के लिए कई नियम तय कर दिए गए हैं। सुबह से लेकर शाम तक के लिए तरह-तरह के नियम और सिद्धांत निश्चित हैं।
ये सिद्धांत न केवल धार्मिक रूप से आवश्यक हैं बल्कि पूरी तरह से वैज्ञानिक भी हैं। ऐसा ही एक नियम शाम का भोजन सूर्यास्त के पहले करना। कई लोग इस बात को अभी तक पूरी तरह नहीं समझ पाए हैं कि आखिर इस नियम के पीछे क्या कारण है।
दरअसल यह नियम व्यक्ति के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर बनाया गया है। सूर्यास्त के पहले भोजन करने से न केवल पाचन तंत्र ठीक रहता है बल्कि हम कई तरह की बीमारियों से भी बच जाते हैं। कई तरह के बैक्टिरिया और अन्य जीव हमारे भोजन के साथ शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते।
इस नियम के पीछे सबसे बड़ा कारण है कि सूर्यास्त के बाद मौसम में नमी बढ़ जाती है और इस नमी के कारण कई तरह के सूक्ष्म जीव और बैक्टिरिया उत्पन्न हो जाते है। सूर्य की रोशनी में ये गरमी के कारण पनप नहीं पाते हैं और सूर्यास्त के साथ ही जैसे ही नमी बढ़ती है ये जीव सक्रिय हो जाते हैं।
रात को भोजन करने में इन सूक्ष्म जीवों का हमारे शरीर में प्रवेश हो जाता है। जिससे कई तरह की बीमारियों की आशंका रहती है। इसलिए जैन समाज के विद्वानों ने रात के समय भोजन करने को निषेध माना है।
Quotes(14-08-2014)
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“When you blame others, you give up your power to change.” — Dr. Robert
Anthony “It isn’t where you came from; it’s where you’re going that
counts.” — Ella...
10 years ago
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