एक बार देखिये............

Friday, February 4, 2011

पलकें ज़रा उठा कर एक बार देखिये,
थोडा सा मुस्कुरा कर एक बार देखिये,
ए हुस्न-की-मल्लिका,अँधेरा है चारों ओर,
इसीलिए रुख से नकाब उठा कर एक बार देखिये,
छुपने लगा है चाँद घटाओं कि ओट में,
जुल्फें ज़रा हटा कर एक बार देखिये,
बजने लगेंगे जलतरंग इस कायनात में,
कोई गीत गुनगुना कर एक बार देखिये,
दे देंगे जान आपके क़दमों में हम हुज़ूर,
शाम-ए-वफ़ा जलाकर एक बार देखिये,
मेरी तरह आप भी तरसेंगे नींद को,
यह दिल कहीं लगा कर एक बार देखिये,
क्यूँ दर-बदर हैं आप वफ़ा कि तलाश में,
अपना हमें बना कर एक बार देखिये..

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