महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी---1

Monday, August 26, 2013

दूर जाकर भी हम दूर जा ना सकेंगे,
कितना रोयेंगे हम बता ना सकेंगे,
ग़म इसका नहीं की आप मिल ना सकोगे,
दर्द इस बात का होगा की हम आपको भुला ना सकेंगे...
 
ना थी जिसे मेरे प्यार की क़द्र,
इत्तेफाक से उसकी को चाह रहा था मैं,
उसी दिए ने जलाया मेरे हाथों को,
जिसे हवा से बचा रहा था मैं...
 
तनहाइयों में उनको ही याद करते हैं,
वो सलामत रहे यही फ़रियाद करते हैं,
हम उनकी ही मोहब्ब्त का इंतज़ार करते हैं,
उन्हें क्या पता हम उनसे कितना प्यार करते हैं...
 
आंसुओं को यूँ ही तुम पोंछते जाओगे,
यादों में मेरी तुम यूँ ही डूबते जाओगे,
चाहकर भी ना हटा पाओगे तस्वीर दिल से,
इन आँखों में छुपी तड़प से तड़प जाओगे...
 
पलकों को जब भी हमने झुकाया है,
बस एक ही ख़याल दिल में आया है,
जिस खुद ने तुम्हे बनाया है,
तुम्हे धरती पर भेज कर वो कैसे जी पाया है....
 
इश्क ऐसा करो की धड़कन में बस जाए,
सांस भी लो तो खुशबु उसी की आये,
प्यार का नशा आँखों पर छा जाए,
बात कुछ भी ना हो पर नाम उसी का आये...
 
यादों की कीमत वो क्या जाने,
जो खुद ही यादों को मिटा दिया करते हैं,
यादों का मतलब तो उनसे पूछो,
जो यादों के सहारे ही जिया करते हैं...
 
फिट कहीं दूर से एक बार सदा दो मुझको,
मेरी तन्हाई का एहसास दिल दो मुझको,
तुम तो चाँद हो तुम्हे मेरी ज़रुरत क्या है,
मैं दिया हूँ किसी की चौखट पर जल दो मुझको...
 
बीते पल फिर ला नहीं सकते,
सूखे फूल फिर खिला नहीं सकते,
कभी-कभी लगता है की आप हमें याद नहीं करते,
पर दिल कहता है की आप हमें भुला नहीं सकते..
 
आज दर्द को लफ़्ज़ों में बयाँ करने वाले,
इस दुनिया में महान बन गए,
ज़रा उन्हें भी जाकर देखो,
जो अपना दर्द भुला कर दूसरों की मुस्कान बन गए..
 
तेरी यारी ने दिल को दिया सुकून इतना की,
तेरे बाद कोई अच्छा ना लगे,
अगर करनी हो बेवफाई तो इसी अदा से करना,
की तेरे बाद कोई बेवफा ना लगे...
 
तेरे हर दुःख को अपना बना लूं,
तेरे हर ग़म को दिल से लगा लूं,
मुझे करनी आती नहीं चोरी वरना,
मैं तेरी आँखों से हर आंसू चुरा लूँ..
 
ये देखा है हमने खुद को आज़माकर,
धोखा दे जाते हैं लोग करीब आकर,
कहती है दुनिया पर ये दिल नहीं मानता,
की छोड़ जाओगे तुम भी एक दिन अपना बनाकर...

0 comments: