मुझे
किसी से
मोहब्बत नहीं
सिवा तेरे,
मुझे
किसी की
ज़रुरत नहीं
सिवा तेरे,
मेरी
नज़रों को
थी तलाश
जिसकी बरसों
से,
किसी
के पास
वो सूरत
नहीं सिवा
तेरे,
जो
मेरे दिल
और मेरी
ज़िन्दगी से
खेल सके,
किसी
को वो
इजाज़त नहीं
सिवा तेरे..
ऐसा
जगाया आपने
की अब
तक सो
ना सके,
यूँ
रुलाया आपने
की महफ़िल
में हम
रो ना
सके,
ना
जाने क्या
बात है
आपमें ए
सनम,
माना
है जबसे
अपना आपको,किसी
और
के हम
हो ना
सके...
तू
ही बता
ए दिल
तुझे समझाऊं
कैसे,
जिसे
चाहता है
तू,उसे
नज़दीक लाऊँ
कैसे,
यूँ
तो हर
तमन्ना,हर
एहसास है
वो मेरा,
मगर
उस एहसास
को ये
एहसास दिलाऊं
कैसे..
कहो
तो फूल
बन जाऊं,
तुम्हारी
ज़िन्दगी का
एक असूल
बन जाऊं,
सुना
है की
रेत पर
चलकर तुम
महकते हो,
कहो
तो अबकी
बार ज़मीन
की धुल
बन जाऊं,
बहुत
नायाब होते
हैं जिन्हें
तुम अपने
कहते हो,
इज्ज़त
दो कि
मैं भी
इस क़दर
अनमोल बन
जाऊं...
रूठ
जाओ कितना
भी मना
लेंगे,
दूर
जाओ कितना
भी बुला
लेंगे,
दिल
आखिर दिल
है सागर
कि रेत
तो नहीं,
कि
नाम लिख
कर उसपे
मिटा देंगे...
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