तेरी
ख़ुशी के
लिए तेरा
प्यार छोड़
चले,
निकल
के तेरे
चमन से
बहार छोड़
चले,
सदा
जो याद
हमारी दिलाएगा
तुझको,
तेरे
लिए वो
दिल-ए-बेकरार
छोड़
चले,
उठा
के लाश
हम अपनी,
खुद अपने
कंधे पर,
तड़पती
आरजुओं का
मज़ार छोड़
चले,
हमे
कुछ अपनी
तबाही का
ग़म नहीं
लेकिन,
मलाल
ये है
तुझे सो-गावर
छोड़
चले....
इतना
न तडपा
कि इस
कदर सख्त
हो जाऊं
मैं,
फिर
तेरे प्यार
के आंसू
भी न
पिघला पाएं
मुझको...
खुद
को अपने
साये से
बचा लो
दोस्तों,
कुछ
वक़्त खुशी
से बिता
लो दोस्तों,
जिंदगी
तो बेवफा
है उसका
क्या भरोसा,
मौत
को महबूबा
बना लो
दोस्तों....
दूर
कहीं दूर
मुझे जाना
है,
ज़िन्दगी
तूने ज़रा
देर से
मुझे पहचाना
है,
इतना
भटके है
के मंजिल
का पता
याद नहीं,
रास्ते
पूछ रहे
हैं के
कहाँ जाना
है...
उनको
मेरे इन्तजार
पे यकीन
न था,
मेरी
नज़रों में
उन जैसा
कोई हसीं
न था,
मेरे
अश्क और
लहू जुदा
हो रहे
थे मुझसे,
उनके
सिवा कोई
मेरा जा-नशीं
भी
तो न
था...
वो
उन हालातों
के आगे
डर गए,
प्यार
अपना खुद
ही रुसवा
कर गए,
बनी
थी मंजिल
जो मेरी
कश्ती की,
वो
मुझको तूफानों
के हवाले
कर गए....
ज़िन्दगी
ये रंग
दिखाती है
कितने,
गैर
हो जाते
हैं, एक
पल में
अपने,
सपनो
की दुनिया
में कभी
न जाना
यारो,
दिल
टूट जाता
है, जब
टूटते हैं
सपने...
कभी
यारों की
महफ़िल में
बैठ के
हम भी
पिया करते
थे,
कभी
यारों के
यार बन
के हम
भी जिया
करते थे,
ज़िन्दगी
ने की
बेवफाई वरना,
हम
भी ज़िन्दगी
से प्यार
किया करते
थे...
अपने
मुक्कद्दर का
ये सिला
भी क्या
कम हैं,
एक
ख़ुशी के
पीछे छुपे
हजारों गम
हैं,
चेहरे
पे लिए
फिरते हैं
मुस्कराहट फिर
भी,
और
लोग कहते
हैं, कितने
खुशनसीब हम
हैं...
बारिश
जब भी
उसकी चाहत
को भिगोती
होगी,
वो
भी मेरी
याद में
रोती होगी,
वो
करे लाख
मना मगर
मेरा नाम
सुनकर,
हलकी
सी चुभन
उसके दिल
में होती
होगी...
जिसको
समझता हूँ
मैं अनजाना
सा चेहरा,
जाने
मिले किस
मोड़ वो
पहचाना सा
चेहरा,
वो
खेल रहे
हैं, या
सच है
ये हकीक़त,
कोई
मुझे बता
दे, क्या
है तेरा
चेहरा...
मुझे
इश्क में
दिल लगाना
नहीं आता,
किसी
की याद
में आंसू
बहाना नही
आता,
हौसला
तो बहुत
है मुझमे
किसी को
चाहने का,
बस
मुझे इस
हौसले को
आजमाना नही
आता...
चेहरे
पर बनावट
का गुस्सा,
आँखों
से छलकता
हुआ प्यार
भी है,
इस
शौक़-ए-अदा
को
क्या कहिए,
इनकार
भी है
और इकरार
भी है...
बहुत
खुशनुमा कल
की रात
गुज़री है,
कुछ
तन्हा पर
कुछ ख़ास
गुज़री है,
न
नींद आई
न ख्वाब
कोई,
बस
आप ही
के ख्यालों
के साथ
गुज़री है....
दूरियां
बहुत हैं
पर इतना
समझ लो,
पास
रहकर ही
कोई रिश्ता
खास नहीं
होता,
तुम
दिल के
पास इतने
हो कि,
दूरियों
का एहसास
नहीं होता...
जिस
शाम में
मेरे लब
पर आपका
नाम न
आए,
खुदा
करे कि
कभी ऐसी
शाम न
आए,
ऐ
जाने वफ़ा
यह कभी
मुमकिन नहीं
कि,
अफसाना
लिखूं और
आपका नाम
न आए....
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