तेरी
बेवफ़ाई अब
क्यूँ रास
आने लगी
है.!
ज़िंदगी
किस अंजाम
तू पहुँचाने
लगी है.!!
तेरी
मुहब्बत की
हरदम ज़ुस्तज़ु
मैंने की !
क्यूँ
गैर पर
प्यार अपना
बरसाने लगी
है.!!
एक
दिन तू
भी मुझे
ढूँढेगी गुलिस्तान
में.!
अलग
बात है
अब किसी
और को
तू भाने
लगी है.!!
चाहा
तुझे था
शिद्दत से
रूह मे
समा कर.!
क्यूँ
जिस्म का
साथ छोड़
यूँ जाने
लगी है.!!
मुझ
पर इतना
सितम क्यूँ
करती है
बता.!
किस
गुनाह की
सज़ा ये
तू देने
लगी है.!!
बहती
नदियों-सा.!
सूरज
की किरणों-सा.!!
जीवन
का अभिमान
हो तुम.!!!
जीवन
का एक
सार हो
तुम.!!!!
मृगनयनी
सी.!
बिखरी
चाँदनी-सी.!!
जीवन
का श्रृंगार
हो तुम.!!!
जीवन
का प्यार
हो तुम.!!!!
मरुस्थल
पर.!
फैले
सन्नाटे-सा.!!
जीवन
का वरदान
हो तुम.!!!
जीवन
का कल्याण
हो तुम.!!!!
धधकती
ज्वाला -सी.!
कोमल
ममता-सी.!!!
जीवन
का संग्राम
हो तुम.!!!
जीवन
का विराम
हो तुम.!!!!
शबनम
की बूँद-सी
नाज़ुक
है तू.!
देख
मुझको सिमट
जाती है
तू.!!
जानता
हूँ मेरे
लिए तू
भी बेचैन
है.!
रात
तकिये से
लिपट जाती
है तू.!!
तेरी
आँखों में
मेरी ही
तस्वीर है.!
देखे
जो आईना
मुस्क़ुराती है
तू.!!
तेरे
दीदार को
पागल है
ज़माना.!
घर
से निकलते
ही इतराती
है तू.!!
देख
तेरा हुस्न
हर हुस्न
शरमाये.!
चाँदनी-सी
जब
बिखर जाती
है तू,.!!
ठहरो
चले जाना,
अभी
तो आए
हो,
दो
पल रुक
कर चले
जाना,
अभी
तो आए
हो,
चले
जाना...
अभी
तो नज़र
की प्यास
भी नहीं
बुझी,
दिल
की कोई
बात भी
नही हुई
है,
अरमानों
की सौगात,
लेते
जाना,
अभी
तो आए
हो,
चले
जाना....
हवाओं
में खुशबू
घुलने लगी,
कलियो
की शोखी
खुलने लगी
है,
अभी
तो भोर
की,
शुरुआत
हुई है,
चले
जाना,
अभी
तो आए
हो,
चले
जाना....
माना
के वक़्त
कभी रुकता
नही,
मेरा
दिल भी
इतना गहरा
नही है,
दिल-ए-जुदाई,
सह
ना सकेंगे,
चले
जाना,
अभी
तो आए
हो,
चले
जाना.....
किताबों
के पन्नो
को पलट
के सोचता
हूँ,
यूँ
पलट जाए
मेरी ज़िंदगी
तो क्या
बात है.
ख्वाबों
मे रोज
मिलता है
जो
हक़ीकत
में आए
तो क्या
बात है,
कुछ
मतलब के
लिए ढूँढते
हैं मुझको,
बिन
मतलब जो
आए तो
क्या बात
है,
कत्ल
कर के
तो सब
ले जाएँगे
दिल मेरा
कोई
बातों से
ले जाए
तो क्या
बात है,
अपने
रहने तक
तो खुशी
दूँगा सब
को,
जो
किसी को
मेरी मौत
पे खुशी
मिल जाए
तो क्या
बात है.
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