टूटे
दिल को
ना सहलाओ
कभी,
अंगारे
सुलगते है
इस ख़ाक
में,
ना
जल जाए
हाथ आपका,
ए मेरे
दोस्त,
इस
दिल को
तो आदत
है…
इरादा
छोड़ दिया
उसने हदों
से जुड़
जाने का
ज़माना
है ज़माने
की निगाहों
में न
आने का
कहाँ
की दोस्ती
किन दोस्तों
की बात
करते हो
मियां
दुश्मन नहीं
मिलता कोई
अब तो
ठिकाने का
निगाहों
में कोई
भी दूसरा
चेहरा नहीं
आया
भरोसा
ही कुछ
ऐसा था
तुम्हारे लौट
आने का
ये
मैं ही
था बचा
के खुद
को ले
आया किनारे
तक
समंदर
ने बोहत
मौका दिया
था डूब
जाने का
तुम
भी छोड़
दोगे साथ
मेरा इस
बेजान से
जहाँ में,
कभी
सोचा ना
था....
मैं
एक चट्टान
था तेरी
जिन्दगी मे,
हवा
का झोंका
ना था....
तुम
आये जिन्दगी
मे सपनों
का जहाँ
बसाये,
मैंने
कभी रोका
ना था....
बस
एक बार
कह तुझे
मेरी मोहब्बत
का वास्ता,
वो
कभी धोखा
ना था....
ऐसे
होंगे हालात
मेरे ,
कभी
सोचा ना
था....
वक़्त
बदलता है
हालात बदल
जाते हैं
ये
सब देख
कर जज़्बात
बदल जाते
हैं
ये
कुछ नही
बस वक़्त
का तक़ाज़ा
है दोस्तो
कभी
हम तो
कभी आप
बदल जाते
हैं,
मुस्कुराना
ही
खुशी नही
होती,
उमर
बिताना ही
ज़िंदगी नही
होती,
खुद
से भी
ज़्यादा ख्याल
रखना पड़ता
है दोस्तों
का.
क्यूँ
क़ि...
दोस्त
कहना ही
दोस्ती नही
होती.
सिलसिला
टूटा तो
बनकर दास्तां
रह जायेगा
ख़्वाहिशों
का मिट
के भी
कुछ तो
निशां रह
जायेगा
मुस्कुराते
हुए
हर लम्हा
कटे जीवन
का
कोई
पल भी
कभी खुशियों
से न
खाली आये
जिन्दगी
में हो
मुकद्दर का
उजाला इतना
जब
अंधेरे कभी
घेरें तो
दीवाली आये
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